Friday, June 22, 2007

राष्ट्रपति कलाम का जाना

आख़िर कलाम साहब के जाने का वक़्त आ ही गया तीसरे मोर्चे और राजग की पहल के बावजूद भी संप्रग ने ना सिर्फ कलाम साहब को दूसरा कार्यकाल देने से साफ इंकार कर दिया बल्कि कुछ मंत्रियो ने उनके प्रति शर्मनाक बयान् भी दिए सचमुच आज सारे देश को शर्मसार होना चाहिऐ कि जिस आदमी ने देश के लिए अपना सब सर्वस्व समर्पित कर दिया और तो और अपना परिवार तक नही बसाया जिस आदमी कि विदेशो मे भी इतनी इज़्ज़त है उस व्यक्ति को इस शर्मनाक तरीके से राष्ट्रपति भवन से विदा किया जा रहा है ये सब और कुछ नही कांग्रेस कि एक सोची समझी चाल है कांग्रेस मे हमेशा से किसी पिट्ठू टाईप के आदमी को राष्ट्रपति पद पर बिठाने कि परम्परा रही है वो तो भला हो राजग का जिसने पिछली बार इस परम्परा को तोड़ते हुए एक नॉन पॉलिटिकल व्यक्ति को इस पद पर बैठाने कि पहल की कलाम साहब कि लोकप्रियता को देखते हुए कांग्रेस को भी पिछली बार मजबूरी मे उनका समर्थन करना पड़ा डाक्टर कलाम ने पद पर रहते हुए काफी अच्छे काम किये जिससे उनकी लोकप्रियता और ज्यादा बढ़ी इस बीच संप्रग की सरकार बन गयी कलाम साहब ने अपने चिरपरिचित अंदाज़ मे जनहित के काम जारी रखे आज डाक्टर कलाम ना जाने कितने लोगो के लिए प्रेरणा सूत्र बन गए है वो किसी भी राजनेता से ज्यादा पोपुलर है इसी वजह से उनको उनके पद से विदा किया जा रह है हमारे राजनेता ये स्वीकार नही कर सकते कि कोई भी उनसे ज्यादा जन समर्थन प्राप्त कर ले आप अंदाज़ा लगा सकते है कि सन् दो हज़ार बीस तक देश को विक्सित राष्ट्र बनाने का सपना देखने वाला आदमी पांच साल बाद कितना ज्यादा पोपुलर हो जाएगा आज के दिन को भारत के इतिहास मे काले दिवस के रूप मे अंकित किया जाना चाहिऐ

Tuesday, June 19, 2007

राष्ट्रपति चुनाव बदलते समीकरण

आज राष्ट्रपति चुनावो मे नया मोड़ आ गया है तीसरे मोर्चे ने डाक्टर कलाम को दोबारा राष्ट्रपति बनाने कि माँग की है निर्दलीय उमीद्वार शेखावत ने भी कलाम का समर्थन करके नयी बहस को जन्म दिया है शेखावत की इस चाल से सत्ता धारी गठबंधन सांसत मे है कांग्रेस ने बड़ी मुश्किल से तो पहली महिला राष्ट्रपति के नाम पार प्रर्तिभा पाटिल के लिए सहमति बनाईं है वैसे कांग्रेस पिछले चुनावो मे लक्ष्मी सहगल का विरोध कर चुकी है क्या वो पहली महिला राष्ट्रपति नही बन सकती थी अगर कांग्रेस वास्तव मे किसी महिला को राष्ट्रपति बनाना चाहती थी तो उसे शुरुआत मे ही किसी महिला का नाम आगे करना चाहिए था लेकिन कांग्रेस कि ऐसी कोई इच्छा नही थी वाम पार्टियो ने जब सारे ही उम्मीदवारो के नाम पर ना कर दी तो मजबूरी मे प्रतिभा का नाम पहली महिला राष्ट्रपति के तमगे के साथ आगे करना पड़ा वो कांग्रेस की पहली पसंद नही है वो तो मजबूरी है वैसे अभी भी वक़्त है कलाम साहब को अभी भी मनाया जा सकता है मुझे नही लगता कि भारत कि फ़िलहाल उनसे ज्यादा योग्य उम्मीदवार और कोई मिलेगा फिर भी वो ना राज़ी हो तो भैरो सिंह शेखावत को परम्परा अनुसार भारत का राष्ट्रपति बनना चाहिए

Sunday, June 17, 2007

कौन हो अगला राष्ट्रपति

इन दिनों राजनितिक हल्को मे यह सबसे बड़ा मुद्दा है कि भारत का अगला राष्ट्रपति कौन हो सत्ताधारी गठबंधन ने प्रतिभा पाटिल को पहली महिला राष्ट्रपति के रुप मे मैदान मे bheja है मेरे